गूगल कीबोर्ड इस्तेमाल करके अब आप हिंदी में पहले से ज़्यादा तेज़ टाइप कर सकते हैं। गूगल ने ख़ास कीबोर्ड भारत और भारतीय भाषाओं के लिए तैयार किया है जिससे ऐसा करना संभव है। गूगल का इंडिक कीबोर्ड 11 भारतीय भाषाओं में टाइप करना आसान कर देता है और क़रीब 50 करोड़ हिंदी-भाषी अब मोबाइल पर अपने संदेश आसानी से टाइप कर सकेंगे।
अगर आप हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों मिलाकर लिखना चाहते हैं जैसा कि आजकल युवाओं की पसंद है, तो वह भी करना संभव है।
एंड्रॉयड 4.0 या उसके बाद के वर्जन इस्तेमाल करने वालों के लिए इंडिक स्क्रिप्ट गूगल प्ले से डाउनलोड किया जा सकता है।
अब अपने स्मार्टफ़ोन पर ट्रांसलिटरेशन करना भी संभव है। यानि अगर आप चाहें तो अंग्रेज़ी अक्षरों में हिंदी शब्द को टाइप कर दीजिए और आपके सामने हिंदी शब्द आ जाएगा। स्मार्टफ़ोन पर पहले ऐसा करना आसान नहीं था और अक्सर लोग ट्रांसलिटरेशन के लिए अपने डेस्कटॉप या लैपटॉप का सहारा लेते थे। हिंदी भाषियों के लिए नए इंडिक स्क्रिप्ट में हैंडराइटिंग मोड भी है। हैंडराइटिंग मोड में देवनागरी भाषा की भी पहचान इस स्क्रिप्ट में संभव है।
एक बार आपने डाउनलोड कर लिया उसके बाद अगर इसमें कोई बदलाव करना है तो 'सेटिंग्स' में जाकर 'लैंग्वेज एंड इनपुट' चुनिए और उसके बाद 'कीबोर्ड एंड इनपुट मैथड' चुनना पड़ेगा। गूगल जैसी कंपनियों के लिए अंग्रेज़ी के अलावा भाषा इस्तेमाल करने वालों का बाज़ार बहुत बड़ा है। भारत में बहुत कम लोग अंग्रेज़ी बोलते हैं जबकि क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले लोग बहुत ज़्यादा हैं।
अगर आप हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों मिलाकर लिखना चाहते हैं जैसा कि आजकल युवाओं की पसंद है, तो वह भी करना संभव है।
एंड्रॉयड 4.0 या उसके बाद के वर्जन इस्तेमाल करने वालों के लिए इंडिक स्क्रिप्ट गूगल प्ले से डाउनलोड किया जा सकता है।
अब अपने स्मार्टफ़ोन पर ट्रांसलिटरेशन करना भी संभव है। यानि अगर आप चाहें तो अंग्रेज़ी अक्षरों में हिंदी शब्द को टाइप कर दीजिए और आपके सामने हिंदी शब्द आ जाएगा। स्मार्टफ़ोन पर पहले ऐसा करना आसान नहीं था और अक्सर लोग ट्रांसलिटरेशन के लिए अपने डेस्कटॉप या लैपटॉप का सहारा लेते थे। हिंदी भाषियों के लिए नए इंडिक स्क्रिप्ट में हैंडराइटिंग मोड भी है। हैंडराइटिंग मोड में देवनागरी भाषा की भी पहचान इस स्क्रिप्ट में संभव है।
एक बार आपने डाउनलोड कर लिया उसके बाद अगर इसमें कोई बदलाव करना है तो 'सेटिंग्स' में जाकर 'लैंग्वेज एंड इनपुट' चुनिए और उसके बाद 'कीबोर्ड एंड इनपुट मैथड' चुनना पड़ेगा। गूगल जैसी कंपनियों के लिए अंग्रेज़ी के अलावा भाषा इस्तेमाल करने वालों का बाज़ार बहुत बड़ा है। भारत में बहुत कम लोग अंग्रेज़ी बोलते हैं जबकि क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले लोग बहुत ज़्यादा हैं।
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